• आने वाले समय में गाय से जुड़ा हर उद्यमी लोगों की ईष्या का केंद्र होगा।     – श्री परषोत्तम रूपाला
  • आने वाले दिनों में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के केंद्र में गाय होगी।  – श्री परषोत्तम रूपाला
  • खाद्य सुरक्षा के संकट का समाधान देशी गाय के गोबर में है।  -श्री परषोत्तम रूपाला
  • गोपालन अब उद्यमिता का केंद्र होगा।  – श्री परषोत्तम रूपाला
  • गौ उद्यमिता से गाय सड़क पर बेसहारा नहीं दिखेगी।  – डॉ वल्लभभाई कथीरिया
  • गौ पालक और गौ उद्यमी एम.एस.एम.ई. की योजनाओं का लाभ उठाएं   – श्री रामअवतार सिंह

आने वाले दिनों में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के केंद्र में गाय होगी। केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला ने ये बात ग्लोबल कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ काऊ बेस्ड इंडस्ट्री द्वारा एम.एस.एम.ई. दिवस पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार  “गौ उद्यमिता से समृद्धि” में कही जहां एम.एस.एम.ई एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा गौ उद्यमियों के लिए सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। श्री रुपाला ने सद्गुरु के ‘सेव सॉयल’ (SaveSoil) अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने विश्व को मिटटी की घटती क्षमता पर झकझोरा। इससे खाद्य सुरक्षा का संकट आ सकता है। जमीन सुधारने की ताकत और क्षमता देशी गाय के गोबर में है। इस वैश्विक समस्या का एकमात्र समाधान हमारी देशी गाय का गोबर है। हमें इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं की हमने जमीन को बहुत ज़हर के इंजेक्शन दे दिए। अब इस जमीन को उसके पसंद की चीजें भी खिलाओ पिलाओ और ये गाय का गोबर और गोमूत्र ही है।

आय एवं उद्यमिता की बात करते हुए रुपाला जी ने कहा अमूल एकमात्र ऐसा उद्योग है जो सवा सौ करोड़ रूपया प्रतिदिन ग्रामीण अर्थतंत्र में देता है। ये भी गौ माता का ही प्रताप है। दूध ही नहीं अब हज़ारों गाय के खाने पीने का खर्च उनके गोबर और गोमूत्र से ही पूर्ण किया जा सकता है। गोपालन सिर्फ आय के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए खाद्य सुरक्षा और समाज को स्वस्थ्य रखने के लिए  भी ज़रूरी है।  अभी आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना के संकटकाल में जो लोग प्रत्यक्ष रूप से गौसेवा में लगे थे उन्हें कोरोना नहीं हुआ ये दुनिया ने माना कि शरीर की  प्रतिरोधक क्षमता कोरोना का बचाव है।

श्री रुपाला ने कहा कि गोपालन का व्यवसाय इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि आने वाले समय में गाय से जुड़ा हर उद्यमी लोगों की ईष्या का केंद्र होगा। गौपालन समर्थ और आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने जी.सी.सी आई को केंद्र और राज्य सरकारों की गाय को ले कर योजना और पशुपालन को ले कर हर जिले में सेमिनार करने के लिए प्रोत्साहित किया। ब्रीड संवर्धन, मार्केटिंग, ट्रेनिंग आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाने और गौ चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों की बात की।  श्री रुपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पशुधन को संरक्षित करने के लिए सारे देश के मवेशियों का टीकाकरण करने के लिए भारत सरकार द्वारा साढ़े तेरह हज़ार करोड़ रूपए की आवंटित राशि से अभियान चलाया है। मोबाइल वेटरनरी यूनिट के लिए प्रधान मंत्री ने भारत सरकार के खर्च पे चार हज़ार पशु एम्बुलेंस  को मंजूरी दे दी जिस पर अनेक राज्यों में कार्य आरम्भ हो गया।  

जी.सी.सी.आई. के संस्थापक डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने बताया कि उद्यमिता और मार्केटिंग के लिए एम.एस.एम.ई, पशुपालन मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय आदि की अपनी योजनाए हैं जिनका गौपालन एवं गौ उद्यमिता में युवा एवं महिला उद्यमियों को लाभ लेना चाहिए। डॉ कथीरिया ने बताया कि उन्होंने सुनिश्चित किया कि इन सभी योजनाओं और इनकी ट्रेनिंग में गौ आधारित उद्योगों को भी शामिल किया जाए। जी.सी.सी.आई. सरकार और उद्यमियों को साथ लेकर गौ आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। हमें सुनिश्चित करना है कि एक भी गाय आने वाले दिनों में सड़क पे बेसहारा न दिखें। 

एम.एस.एम.ई असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर कार्यरत श्री राम अवतार जी ने ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्माल इंटरप्राइजेज’ योजना के बारे में विस्तार से बताया जिसमे 2 करोड़ रूपए तक का कोलैटरल फ्री और थर्ड पार्टी गारंटी फ्री लोन ले सकते हैं । अन्य योजनाएं जिसमे गाय के उत्पाद से जुड़े निर्माण उद्योग जिसमे पूर्ण उत्पादन प्रक्रिया पर भारत सरकार ग्रांट, सुविधा केंद्र, नयी टेक्नोलॉजी, प्रशिक्षण आदि देती है के बारे में बताया। उन्होंने स्फूर्ति योजना के बारे में भी बताया जिसमे 5 करोड़ रूपए की ग्रांट गौ उद्यमियों को मिल सकती है। कौशल विकास के लिए ई.एस.डी.पी योजना और मार्केटिंग सहायता से जुडी  योजनाओं के बारे में बताया जिसमे स्टाल एवं अन्य खर्चो का सरकार धन अदायगी करती है। उन्होंने जेम रजिस्ट्रेशन, उद्यम रजिस्ट्रेशन एवं पेटेंट से जुडी योजनाओं के बारे में भी बताया। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहायक निदेशक श्री इंद्रजीत ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में बताया जिसमे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बैंक से धन उपलब्ध कराया जाता है। 

मध्य प्रदेश में एम.एस.एम.ई मंत्री श्री ओम प्रकाश सकलेचा ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गौपालन और गौ उद्यमिता के के लिए सरल और सहयोगी वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता के बारे में बताया। हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं गौसेवा गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक श्री अजित प्रसाद महापात्र ने भी योजनाओं के क्रियान्वयन पे जोर दिया। पूर्व आईएएस श्री कमल टावरी ने गौ से जुड़े सभी उद्यमिता के आयामों की मार्केटिंग और उसके लिए कंसल्टिंग की बात कही। इस अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का संचालन श्री पुरीश कुमार ने किया। श्री अमिताभ भटनागर ने अतिथियों का स्वागत किया और श्री मित्तल खेतानी ने वेबिनार में जुड़े सभी अतिथियों और गौ उद्यमियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

Related Article

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *