ब्लू विसलींग थ्रस नामक पक्षी अपनी मधुर सीटी जैसी आवाज से पहचाना जाता है। इसे हिन्दी में क्स्तुरा भी कहते है । इस पक्षी का रंग बैंगनी नीला होता है। इसके कंधे, माथा, पंखों के किनारे व पूंछ चमकीली नीली होती है। पखों के ऊपर सफेद रंग के धब्बे होते है। चोंच पीले रंग की, आंखें गहरी भूरी तथा इसकी टांगे काले रंग की होती है। इस पक्षी में नर व मादा एक जैसे ही दिखते है। ये पक्षी जमीन से अपना भोजन प्राप्त करते है। इनका मुख्य भोजना घोंघा, केकड़ा, कीट व छोटे जंगली फल होते है। ये पक्षी आमतौर पर अकेले या जोड़े में दिखते है। जंगलों में ये जलधारा के आस–पास चट्टानों पर बैठे दिखाई देते है। जंगल में ये जमीन पर पत्तों को व छोटे पत्थरों को अपनी मजबूत चोंच से पलट कर अपने शिकार को ढूंढते रहते है। जब ये पक्षी अचानक सचेत होते है तो अपनी पूंछ के पंखों को फैला कर झटकाते है। पहाड़ी क्षेत्रों में इसे जलीय पक्षी के रूप में देखा जाता है क्योंकि ये जलधारा के आस–पास रहते है। इसके आसपास पाए जाने वाले घोंघा व केकड़े आदि को अपना भोजना बनाते है।
भारत में यह पक्षी उत्तरी व उत्तर–पूर्व की पर्वत श्रंखलाओं के जंगलों में पाए जाते हैं। पहाड़ी जंगलों में ये पक्षी आमतौर पर बहती हुई जलधारा के आस–पास जमीन पर पत्थरों पर या पेड़ों की नीची शाखाओं पर दिखाई देते है। यह एक स्थानीय पक्षी है, लेकिन जब पहाड़ों के ऊपरी हिस्सों में ज्यादा सर्दी होती है तो ये तलहटी वाले क्षेत्रों में प्रवास करते हैं।
ये पक्षी संध्या व सूर्योदय के समय ज्यादा सक्रिय रहते है। जंगलों में ये सूर्योदय से पहले अपनी मधुर व मोहक सीटी जैसे आवाज से आकर्षित करता है। इनकी आवाज प्रजनन के समय ज्यादा सुनाई देती है। इसके प्रजनन का समय अप्रैल से अगस्त माह तक होता है। नर व मादा दोनों मिल कर जलधारा के किनारे चट्टानों की खाली जगह के ऊपर काई या जड़ों से एक कपनुमा आकार का घोंसला बनाते है। मादा तीन से चार अंडे देती है। नर व मादा दोनों मिलन कर चूजों को पालते हैं।
