भारत भर में प्रसिद्ध गौ तीर्थ श्रीजी गौशाला(राजकोट) के डॉ. प्रभुदासभाई तन्ना(पंचगव्य चिकित्सक) द्वारा गौ– शाला में गायों को गांठदार विषाणु(लम्पी वाइरस) से बचाने के लिए एक नया स्वदेशी प्रयोग किया गया है। जिसमें सबसे पहले लम्पी वायरस से संक्रमित सभी गायों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है।गायों को ठीक करने के लिए सबसे पहले एक बड़े बर्तन में फिटकरी का पानी उबालें, उसमें कड़वी नीम और हल्दी डालकर रात भर भीगने के लिए रख दें। सुबह इसे पंप में भरकर गायों को छींटे दें। उसके बाद नीम के पानी की चटनी बनाके उसमे हल्दी और कपूर मिश्रित करें । नीम पूरी तरह से एंटीबायोटिक है। इस रोग से पशुओं को शीघ्र स्वस्थ करने में नीम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
फिर रोटी बनाते समय देशी गाय का शुद्ध घी, तीखा चूर्ण, हल्दी डालकर रोटी में एक एक रोटी काटकर गायों को खिलाएं ताकि गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े जिससे पशु जल्दी ठीक हो जाए। लम्पी वायरस से संक्रमित गायो के वार्ड में देसी धूप करना है जिसमें गोबर, गाय का घी, हल्दी, गुग्गुल, कपूर और नीम शामिल हैं, ताकि संक्रमण बढ़ना बंद हो जाए और इस धूप को करने से वातावरण शुद्ध हो जाए ताकि लम्पी वायरस के कीट मर जाएगे और पशुधन बच जाएगा। हरेक गाय जो भले ही स्वस्थ है उन्हे भी नीम के पत्ते खिलाये जाए ताकि वे अस्वस्थ न हो। इस बारे अधिक मार्गदर्शन के लिए श्रीजी गौशाला(राजकोट) के रमेशभाई ठक्कर (मो. 9909971116) और प्रभुदासभाई तन्ना (मो. 98254 18900), समस्त महाजन के देवेन्द्र जैन, वापी (मो. 98251 29111) का संपर्क करने कि बीनती है ।